अंजुरी भर प्यार दो

शब्दसेतु में रचनाधर्मिता से जुड़े सभी लोगों का हार्दिक स्वागत है. शब्दसेतु एक ऐसा मंच है जहाँ आप अपनी रचनाओं को प्रकाशित कर सकते हैं. यदि आपकी रचनाएँ स्तरीय हैं तो आपको अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ हेतु आमंत्रित किया जा सकता है तथा आपकी रचनाओं को प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित भी किया जा सकता है


Shabd-setu

My photo
अध्यक्षा शब्दसेतु, ४१/सतपुडा अणुशक्तिनगर मुम्बई ४०००९४

श्री जय प्रकाश त्रिपाठी

श्री जय प्रकाश त्रिपाठी

Sunday, June 1, 2008

कुछ और दोहे

जे.पी के कुछ और दोहे
कुछ मेरा कुछ आप का अगर मिले सहयोग ।
शब्दों का इक पुल बना बढे चले हम लोग ॥
संस्कार स्वाहा हुए , रिश्ते हुये शहीद ।
मर्यादा खंडित हुयी , मिट्टी हुयी पलीद ॥
गुणवत्ता गायब हुयी विज्ञापन का ज़ोर ।
माल वही बिकता यहाँ जिसका जितना शोर॥
जीवन भर की संगनी सुख - दुःख दे साथ ।
कभी न उसको छोडिये पकड़ा जिसका हाथ ॥
सुख मिलता है तभी जब , मिले सही प्रतिसाद ।
ग़लत प्रशंसा व्यक्ति को देता, है अवसाद ॥

1 comment:

समयचक्र said...

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति. धन्यवाद