मोड़ देने वक्त के विखराव को
शब्द का सामर्थ्य लेकर आगये हैं
जोड़ देने टूटते रिश्ते पुराने
सेतु शब्दों का बनाने आगये हैं ॥
अंजुरी भर प्यार दो
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श्री जय प्रकाश त्रिपाठी
Wednesday, May 21, 2008
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